लोकेशन : भोपालपटनम
बस्तर ब्यूरो : आनंद झाड़ी
बेटियों की सुरक्षा को लेकर उठी बुलंद आवाज, मानव अधिकार परिषद ने की त्वरित कार्रवाई की मांग
भोपालपटनम — क्षेत्र में नाबालिग छात्राओं के साथ लगातार हो रही छेड़छाड़ और अवैध गतिविधियों ने स्थानीय समुदाय को गंभीर चिंता में डाल दिया है। इसी मुद्दे को लेकर मानव अधिकार परिषद के सदस्य महेश कुमार येरोला ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की, जिसमें इन घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए प्रशासन और संबंधित विभागों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई।
येरोला ने बताया कि छात्राओं के मुख्य आवागमन मार्ग के नज़दीक शराब दुकानें और मुर्गा बाजार संचालित होने के कारण वहां अक्सर नशेड़ी और असामाजिक तत्वों की भीड़ रहती है। ऐसी स्थिति में छात्राओं को रोज़ाना स्कूल आते-जाते समय मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
उन्होंने कहा—
“भोपालपटनम की बेटियों की सुरक्षा के लिए हम आवाज उठा रहे हैं। शराब दुकान और मुर्गा बाज़ार के कारण छात्राओं को परेशानी हो रही है, और नशे में धुत लोग रास्ते में छेड़छाड़ कर रहे हैं। यह असहनीय है और सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।”
मानव अधिकार परिषद ने सुझाव दिया कि छात्राओं के नियमित मार्ग से शराब दुकानों और मुर्गा बाजार जैसी गतिविधियों को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने पर गंभीरता से विचार किया जाए। साथ ही, स्कूल क्षेत्रों और छात्राओं के रूट पर निगरानी बढ़ाने, पेट्रोलिंग सुनिश्चित करने और नाबालिगों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की गई है।
प्रेस विज्ञप्ति में परिषद ने शिक्षा विभाग, आबकारी विभाग और जिला प्रशासन से कहा है कि वे इस मुद्दे पर शीघ्र और निर्णायक कार्रवाई करें। परिषद का स्पष्ट कहना है कि बच्चों की सुरक्षा किसी भी अन्य गतिविधि या व्यापारिक हित से अधिक महत्वपूर्ण है।
येरोला ने यह भी चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समयसीमा में प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो मानव अधिकार परिषद स्थानीय नागरिक संगठनों के साथ मिलकर व्यापक जन आंदोलन, धरना-प्रदर्शन और आवश्यक होने पर कानूनी कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने कहा—
“हमारी लड़ाई बेटियों की सुरक्षा, सम्मान और उनकी शिक्षा के अधिकार के लिए है। जब तक सुरक्षित वातावरण नहीं मिलेगा, तब तक हम यह संघर्ष जारी रखेंगे।”
मानव अधिकार परिषद ने अंत में यह अपील भी की कि छात्राओं के लिए सुरक्षित, साफ-सुथरा और आरामदायक आवागमन मार्ग तैयार कर तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि परिवारों में भरोसा बना रहे और बेटियाँ निर्भय होकर शिक्षा प्राप्त कर सकें।












