
सुकमा। जिले के मिनी स्टेडियम परिसर में रविवार को ‘विशाल विश्व हिंदू सम्मेलन’ का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस आयोजन ने आस्था, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनोखा संगम प्रस्तुत किया। आयोजन स्थल पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने सम्मेलन में भाग लेकर सनातन धर्म की गरिमा और आध्यात्मिक चेतना को जीवंत रूप में महसूस किया।
सम्मेलन का आयोजन हिंदू सम्मेलन संचालन समिति द्वारा किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत पावन भवन कीर्तन, मंत्रोच्चार और धार्मिक ध्वनियों के साथ हुई, जिससे पूरा परिसर आध्यात्मिक ऊर्जा और दिव्यता से भर उठा। उपस्थित श्रद्धालुओं ने भक्ति और ध्यान के माध्यम से अपने मन को शांत किया और आस्था की गहराई को महसूस किया।
इस अवसर पर विशेष रूप से स्वामी श्री प्रेम स्वरूपानंद जी उपस्थित थे। स्वामी जी ने बताया कि वे ‘स्वामी सदा प्रेमानंद दिव्य जीवन संघ, गुमरगुंडा’ से संबंधित हैं तथा ‘दिव्य जीवन संघ, शिवानंद आश्रम, ऋषिकेश’ से दीक्षा प्राप्त कर सन्यास जीवन में प्रविष्ट हुए हैं। उनके प्रवचन ने उपस्थित जनसमूह में आध्यात्मिक चेतना को और अधिक प्रबल किया।
सम्मेलन में भाजपा जिला अध्यक्ष धनीराम बारसे, विभिन्न प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता और कई गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे। उन्होंने कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की और इसे सनातन संस्कृति के उत्थान, सामाजिक समरसता तथा धार्मिक जागरण के लिए महत्वपूर्ण पहल बताया।
विशेष रूप से उपस्थित प्रमुख वक्ता माननीय अभय राम जी, प्रांत प्रचारक ने भी सभा को सम्बोधित किया। उन्होंने धर्म, संस्कृति और सामाजिक समरसता पर जोर देते हुए कहा कि ऐसे आयोजन केवल धार्मिक जागरूकता ही नहीं बढ़ाते, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे की भावना को भी मजबूत करते हैं।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष अनिल टावरी ने मंच से सभी श्रद्धालुओं, अतिथियों, आयोजकों और स्वयंसेवकों का हृदयपूर्वक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन धार्मिक चेतना और समाजिक सामंजस्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
आयोजकों ने भी सभी सहयोगियों, स्वयंसेवकों और जनसामान्य का धन्यवाद ज्ञापित किया, जिनके योगदान से यह विशाल सम्मेलन सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सका। कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं ने न केवल धार्मिक भक्ति का अनुभव किया, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जागरूकता की महत्वपूर्ण सीख भी प्राप्त की।
विशाल विश्व हिंदू सम्मेलन ने यह संदेश दिया कि धर्म, भक्ति और समाजिक समरसता के माध्यम से न केवल व्यक्तिगत जीवन, बल्कि समाज का समग्र विकास संभव है। आयोजन की भव्यता, पवित्रता और आध्यात्मिक ऊर्जा ने उपस्थित सभी लोगों के मन और चेतना को छू लिया।











