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धान खरीदी अव्यवस्था पर किसानों का आक्रोश — जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

आज जिला बीजापुर किसान संगठन ने धान खरीदी व्यवस्था में अनियमितताओं और परेशानियों को लेकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा

बीजापुर जिले में चल रही धान खरीदी प्रक्रिया को लेकर किसानों में गहरा असंतोष दिखाई दे रहा है। इसी मुद्दे को लेकर जिला बीजापुर किसान संगठन ने आज जिला कलेक्टर कार्यालय पहुँचकर विस्तृत ज्ञापन सौंपा। संगठन का कहना है कि मौजूदा खरीदी प्रणाली में किए गए बदलावों के कारण जिले के हजारों किसान प्रभावित हो रहे हैं और उन्हें अपना धान लैंप्स (समिति केंद्र) में बेचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

दैनिक खरीदी सीमा घटने से बड़ी संख्या में किसान प्रभावित
किसान संगठन ने कलेक्टर को बताया कि बीते वर्षों में लैंप्स केंद्रों में रोजाना की धान खरीदी सीमा 2500 से 3000 क्विंटल तक रहती थी। लेकिन इस वर्ष जिला प्रशासन द्वारा इस सीमा को घटाकर केवल 600 से 900 क्विंटल प्रति दिन कर दिया गया है, जिससे बड़े और मध्यम वर्ग के किसानों को धान बेचने में गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं।
किसानों का कहना है कि –
“जब तक दैनिक खरीदी सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी, तब तक जिले के सभी पंजीकृत किसान अपनी उपज बेच नहीं पाएँगे। इससे आने वाले दिनों में भारी अव्यवस्था और आर्थिक नुकसान होना तय है।”

टोकन व्यवस्था से किसान परेशान—60–70% टोकन मोबाइल पर निर्भर
ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि धान बेचने के लिए लागू की गई टोकन व्यवस्था किसानों के लिए नई चुनौती बन गई है।
किसान संगठन के अनुसार –

 

 

70% टोकन मोबाइल फोन के माध्यम से ऑनलाइन जारी हो रहे हैं,
जबकि 30% टोकन ही लैंप्स केंद्रों में ऑफलाइन उपलब्ध हैं।
समस्या यह है कि अधिकांश ग्रामीण किसान विशेषकर अल्पशिक्षित और मोबाइल तकनीक से अनभिज्ञ किसान, ऑनलाइन टोकन प्रक्रिया को समझ नहीं पा रहे। इसके चलते उन्हें लगातार टोकन प्राप्त करने में दिक्कतें आ रही हैं।

इसके अलावा, टोकन दो चरणों में जारी होने से किसानों को दो-दो बार लैंप्स पहुँचकर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी पड़ती है, जिससे समय, मेहनत और धन — तीनों की बर्बादी हो रही है।

खरीदी प्रक्रिया में अव्यवस्था बढ़ने का खतरा
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि वर्तमान दैनिक खरीदी सीमा इसी प्रकार कम रखी गई तो सीजन समाप्त होने तक भी सभी किसानों का धान खरीदा जाना संभव नहीं होगा। इससे हजारों क्विंटल धान बचे रह जाने का खतरा है, जो किसानों की आर्थिक स्थिति पर सीधा असर डालेगा।

 

 

किसान संगठन आंदोलन को तैयार
ज्ञापन सौंपते समय किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा —
“यदि शासन व प्रशासन किसानों की वास्तविक समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेता और दैनिक खरीदी सीमा में उचित बढ़ोतरी नहीं करता, तो किसान संगठन बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होगा।”

किसान संगठन ने जिला कलेक्टर से अनुरोध किया कि—

खरीदी सीमा तत्काल बढ़ाई जाए,
टोकन प्रक्रिया को सरल और किसान-हितैषी बनाया जाए,
अशिक्षित किसानों के लिए ऑफलाइन टोकन की संख्या बढ़ाई जाए,
और खरीदी में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।

प्रशासन ने आश्वासन दिया
जिला कलेक्टर ने ज्ञापन प्राप्त करने के बाद किसानों की समस्याओं को उच्चाधिकारियों तक पहुँचाने और जल्द समाधान खोजने का आश्वासन दिया। जिले में धान खरीदी लगातार प्रगति पर है, इसलिए प्रशासन के अनुसार प्रयास किया जाएगा कि किसी भी किसान को उपज बेचने में परेशानी न आए

जिला बीजापुर, छत्तीसगढ़
जिला संवाददाता —आनंद झाड़ी