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डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित

लोकेशन – भोपालपटनम
बस्तर संभाग ब्यूरो – झाड़ी आनंद

भोपालपटनम में आज संविधान निर्माता, महान समाज सुधारक और भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पुलिस विभाग के अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

इस दौरान एसडीओपी श्री घनश्याम कामडे, थाना प्रभारी श्री जीवन कुमार जांगड़े सहित अनेक गणमान्य नागरिकों ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर मोमबत्ती जलाकर उन्हें नमन किया और उनके योगदान को याद किया।


गोटाईगुड़ा चौक में श्रद्धांजलि कार्यक्रम

श्रद्धांजलि कार्यक्रम गोटाईगुड़ा चौक स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा के समक्ष आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में—

  • पुलिस विभाग के अधिकारी

  • गोटाईगुड़ा के निवासी

  • सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि
    सभी ने मिलकर शांतिपूर्वक श्रद्धांजलि दी।

प्रतिमा के सामने मोमबत्ती जलाकर बाबा साहेब को नमन किया गया और 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई।


अंबेडकर जी के विचारों पर चर्चा

कार्यक्रम के दौरान डॉ. अंबेडकर जी के जीवन, उनके संघर्ष और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा हुई। उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि—

  • बाबा साहेब ने हमेशा समानता, शिक्षा, न्याय और मानवाधिकारों की बात की।

  • उन्होंने समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।

  • उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना स्वतंत्रता के समय था।

अधिकारी व नागरिकों ने कहा कि अंबेडकर जी के विचारों को अपनाने से समाज में जागरूकता, शिक्षा और समानता का विस्तार होगा।


डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के जीवन के प्रमुख बिंदु

🔹 संविधान निर्माता
भारत का संविधान लिखकर उन्होंने देश को लोकतांत्रिक और न्यायपूर्ण व्यवस्था दी।

🔹 महान सामाजिक सुधारक
उन्होंने दलित, गरीब, पिछड़े वर्ग और महिलाओं के अधिकारों के लिए निरंतर संघर्ष किया।

🔹 शिक्षा के समर्थक
उन्होंने कहा — “शिक्षित बनो, संगठित बनो, संघर्ष करो।”
उनके अनुसार शिक्षा ही समाज परिवर्तन की सबसे बड़ी शक्ति है।

🔹 महापरिनिर्वाण दिवस
6 दिसंबर 1956 को उनका महापरिनिर्वाण हुआ। इसी दिन हर वर्ष देशभर में श्रद्धांजलि सभाओं का आयोजन किया जाता है।


कार्यक्रम का संदेश

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था—

  • बाबा साहेब के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुँचाना

  • समाज में समानता और न्याय के महत्व को रेखांकित करना

  • संविधान के मूल्यों को याद रखना

अंत में सभी उपस्थित लोगों ने यह संकल्प लिया कि वे अंबेडकर जी के दिखाए मार्ग पर चलकर समाज में जागरूकता, शिक्षा और भाईचारा बढ़ाने की दिशा में कार्य करेंगे।