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कर्मचारी संघ सक्रिय: सांसद महेश कश्यप को सौंपा ज्ञापन, श्रम सम्मान राशि पुनर्बहाल करने की अपील

बस्तर : आदिम जाति कल्याण विभाग कर्मचारी संघ ने श्रम सम्मान राशि पुनः प्रारंभ करने की उठाई मांग
जगदलपुर, 20 नवंबर 2025

आदिम जाति कल्याण विभाग कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ (पंजीयन क्रमांक 30183) ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली श्रम सम्मान राशि को पुनः प्रारंभ करने की मांग को लेकर लोकसभा क्षेत्र–05 के माननीय सांसद महोदय को एक विस्तृत निवेदन सौंपा है। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि यह राशि पहले शासन के निर्देशानुसार नियमित रूप से दी जाती थी, लेकिन कुछ समय से इसके वितरण में बाधा उत्पन्न हो गई है।

संघ के प्रदेशाध्यक्ष श्री धन्नूलाल देवांगन, प्रदेश सचिव श्री विजय कुमार पाल, तथा बस्तर जिला इकाई की कार्यकारिणी — जिसमें जिला अध्यक्ष श्रीमती सुकबती मानिकपुरी, बकावंड ब्लाक अध्यक्ष लकिचंद नेताम एवं सदस्य दरभा ब्लाक अध्यक्ष संतोष बघेल एवं सदस्य जगदलपुर ब्लाक अध्यक्ष तुलसी ठाकुर एवं सदस्य पालेश दास महेंद्र दास भुपेंद्र तिवारी जालन्धर नागेश आदि सदस्य उपस्थित रहें — उन्होंने बताया कि श्रम सम्मान राशि बंद होने से विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

आर्थिक सहयोग बंद होने से कर्मचारियों में निराशा
संघ ने अपने निवेदन में उल्लेख किया कि आदिम जाति कल्याण विभाग में वर्षों से सेवा दे रहे कई संविदा/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते हैं। उन्हें सीमित वेतन पर ही परिवार का भरण–पोषण करना पड़ता है। ऐसे में श्रम सम्मान राशि उनके लिए राहत व प्रोत्साहन का महत्वपूर्ण साधन रही है।
संघ पदाधिकारियों ने बताया कि यह राशि रुकने के बाद कर्मचारियों को—

बच्चों की शिक्षा

स्वास्थ्य देखभाल

किराया, आवागमन और अन्य मूलभूत जरूरतें

पूरी करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

सांसद से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
संघ ने सांसद महोदय से आग्रह किया है कि वे इस विषय में राज्य शासन व विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर श्रम सम्मान राशि का भुगतान तथा वितरण पुनः प्रारंभ करवाने में पहल करें। संघ के अनुसार, विभाग में कार्यरत यह कर्मचारी वर्ग दुर्गम, आदिवासी तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रतिदिन जोखिम उठाकर अपनी सेवाएँ प्रदान करता है। ऐसे कर्मचारियों को सम्मान और आर्थिक सहयोग मिलना अत्यंत आवश्यक है।

दैनिक वेतनभोगियों ने भी जताई उम्मीद
संघ के जिला प्रतिनिधियों ने बताया कि कई कर्मचारी इस निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनका कहना है कि:

“हम वर्षों से विभाग में कार्यरत हैं। हमें नियमितिकरण नहीं मिला, कम से कम श्रम सम्मान राशि तो मिलनी चाहिए, ताकि हम अपने परिवारों को संभाल सकें।”

संघ ने कहा—मानवता और न्याय की दृष्टि से आवश्यक
आदिम जाति कल्याण विभाग कर्मचारी संघ का स्पष्ट कहना है कि आदिम व दूरस्थ क्षेत्रों में कार्य करने वाले कर्मचारी सीमित संसाधनों के साथ भी विभागीय योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में, उन्हें पुनः यह सम्मान राशि प्रदान करना सिर्फ प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि एक संवेदनशील व मानवीय कदम भी होगा।

सांसद कार्यालय में ज्ञापन सौंपा गया
संघ की जिला इकाई ने सांसद कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए आशा व्यक्त की कि माननीय सांसद इस विषय को प्राथमिकता से उठाएंगे। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि वे आवश्यक होने पर रायपुर में भी प्रतिनिधिमंडल भेजकर शासन से पुनः चर्चा करेंगे।