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जनजातीय गौरव दिवस के 150वें कार्यक्रम में शामिल हुईं ज़िला पंचायत सदस्य श्रीमती नीना रावतिया उद्दे

बीजापुर स्थित ज्ञान गुड़ी (एजुकेशन सिटी) में आज जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित 150वें विशेष कार्यक्रम में ज़िला पंचायत सदस्य श्रीमती नीना रावतिया उद्दे ने गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराते हुए आदिवासी महापुरुषों के त्याग, संघर्ष और समाज सुधार की अमर गाथाओं को स्मरण किया।

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्रीमती नीना रावतिया उद्दे ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस सिर्फ़ एक उत्सव नहीं, बल्कि वह दिन है जब हम अपने पुरखों के असाधारण योगदान, उनके बलिदान और समाज को आगे बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों के प्रति गहरा सम्मान प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की सांस्कृतिक विरासत, उनकी जीवनशैली, प्रकृति के प्रति समर्पण और साहस ने पूरे देश को नई दिशा दी है।

श्रीमती नीना रावतिया उद्दे ने यह भी कहा कि आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि आदिवासी समाज ने हर कठिन परिस्थिति में भी अपनी पहचान, परंपरा और स्वाभिमान को बनाए रखा है। वीर नारायण सिंह, बिरसा मुंडा सहित अनेक महानायक आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके संघर्ष ने न केवल स्वतंत्रता आंदोलन को मज़बूत किया बल्कि समाज में एकता, समरसता और आत्मनिर्भरता का संदेश भी दिया।

ज्ञान गुड़ी परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से आदिवासी परंपराओं, नृत्य, इतिहास और लोककला का समृद्ध प्रदर्शन किया गया, जिसे उपस्थितों ने खूब सराहा।

कार्यक्रम के अंत में श्रीमती नीना रावतिया उद्दे ने कहा कि आदिवासी समाज के उत्थान हेतु सरकार और प्रशासन द्वारा संचालित योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने सभी को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर समाजहित में कार्य करने और पुरखों के मार्ग पर चलने का संकल्प लेने की अपील की।

उन्होंने महान आदिवासी नायकों को स्मरण करते हुए कहा कि उनके अदम्य साहस और बलिदान से हमें राष्ट्र और समाज के प्रति कर्तव्य निभाने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने श्रद्धा और सम्मानपूर्वक सभी महान हस्तियों को नमन किया।