डब्बाकोन्टा, सुकमा।
आज डब्बाकोन्टा में आम जनता का अभूतपूर्व जनसैलाब देखने को मिला। बड़ी संख्या में ग्रामीण, सामाजिक कार्यकर्ता, महिलाओं, युवाओं और स्थानीय प्रतिनिधियों ने इस महत्वपूर्ण जनसभा में भाग लिया। कार्यक्रम में बस्तरिया राज मोर्चा के संभागीय संयोजक और पूर्व विधायक मनीष कुंजाम सहित कई प्रमुख सामाजिक पदाधिकारियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
सभा में जल, जंगल और जमीन जैसे मूलभूत अधिकारों के मुद्दों पर विशेष रूप से चर्चा की गई। वक्ताओं ने क्षेत्र में व्याप्त चुनौतियों, प्रशासनिक लापरवाही और आदिवासी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया।
सभा के दौरान पांचवी अनुसूचित क्षेत्र, पेसा कानून और वनाधिकार कानून के पालन को लेकर समुदाय के प्रतिनिधियों ने अपनी बात मजबूती से रखी। वक्ताओं ने कहा कि इन कानूनों का उद्देश्य आदिवासी और मूलनिवासी समुदायों को उनके पारंपरिक अधिकार और स्वशासन की व्यवस्था को मजबूत करना है, इसलिए शासन–प्रशासन को इनके क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

इसके साथ ही स्थानीय समस्याएँ—
● सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा की कमी
● वन एवं खनिज संसाधनों के उपयोग
● ग्रामसभाओं की भूमिका
● युवाओं के रोजगार के अवसर
जैसे विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
सामाजिक पदाधिकारियों ने कहा कि जन-जागरूकता और सामुदायिक एकजुटता ही इन अधिकारों को मजबूत करती है। आज की सभा में उपस्थित लोगों के उत्साह और सहभागिता ने यह स्पष्ट किया कि क्षेत्र के लोग अपने हक़ और अधिकारों के प्रति सजग हैं और उन्हें हासिल करने के लिए संगठित हैं।
सभा शांतिपूर्ण और सकारात्मक माहौल में संपन्न हुई, जहाँ जनता ने अपनी समस्याओं और अपेक्षाओं को खुलकर साझा किया।












