Advertisement

दूरस्थ वनांचल पहुँची विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लखापाल–दुलेड़ में दो दिवसीय मेगा स्वास्थ्य शिविर सम्पन्न रायपुर से आये डॉक्टरों ने किया ग्रामीणों का इलाज

सुकमा/ जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को दूरस्थ व संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुँचाने की प्रतिबद्धता एक बार फिर सफल होती दिखाई दी। कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन और सीएमएचओ डॉ. आरके सिंह के मार्गदर्शन में 21 व 22 नवंबर को लखापाल एवं दुलेड़ (मुकराजकोंडा पारा) में दो दिवसीय विशाल स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। ये दोनों ग्राम सुकमा मुख्यालय से लगभग 110 किलोमीटर दूर घने जंगलों के बीच में स्थित हैं, जहाँ सामान्य परिस्थितियों में स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाना चुनौतीपूर्ण माना जाता है।

295 ग्रामीणों की हुई स्वास्थ्य जांच, 164 आयुष्मान कार्ड बनाए गए,
स्वास्थ्य शिविरों में लखापाल में 133 और दुलेड़ में 162, इस प्रकार कुल 295 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। आवश्यकता अनुसार मौके पर ही लैब जाँच की गई तथा मरीजों को निःशुल्क दवाइयाँ उपलब्ध करवाई गईं। ग्रामीणों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 164 आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए, जिससे उन्हें आगे भी निःशुल्क उपचार की सुविधा मिल सके। प्रशासन का यह पहल सराहनीय रहा।

   

शिविर के दौरान ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियाँ दी गईं। ग्रामीणों को मच्छरदानी का उपयोग करना, आसपास स्वच्छता बनाए रखना, बासी भोजन से परहेज़ करना, पानी का जमाव न होने देना आदि जानकारी दी गई। इन जानकारियों के माध्यम से ग्रामीणों को अनेक बीमारियों से बचाव के उपाय समझाए गए।

जिला प्रशासन ने पहली बार विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम को इन सुदूर क्षेत्रों में भेजा। इसमें जिला चिकित्सालय सुकमा से डॉ. अनम्य बिंदवाई (सर्जन), डॉ. सुब्रह्मण्यम (शिशु रोग विशेषज्ञ), डॉ. टी. सुनील (शिशु रोग विशेषज्ञ), डॉ. सत्यनारायण राव (मेडिसिन), डॉ. दीपेश चंद्राकर (बीएमओ कोंटा) इसी तरह वीवाई हॉस्पिटल रायपुर के डॉ. अनिल कर्णावत (सर्जरी) एवं डॉ. रवि राव (त्वचारोग विशेषज्ञ), साथ ही स्थानीय स्वास्थ्य अमला भी पूरे समय सक्रिय रहा।

अपने गाँव में पहली बार विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा जांच व उपचार पाकर ग्रामीण प्रसन्न हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन के प्रति आभार जताते हुए कहा कि ऐसी लाभकारी पहल उन्हें शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों के प्रति जागरूक बनाती हैं।